देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान कार्ड पर मरीजों के इलाज में कालिंदी हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट विकासनगर के एक और फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। जिसमें बिना एनेस्थीसिया के 171 मरीजों की सर्जरी दिखाई गई है। प्राधिकरण की ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि एनेस्थीसिया रिपोर्ट में ओटी टेक्नीशियन व अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर थे।
प्राधिकरण के अपर निदेशक अतुल जोशी ने विकासनगर पुलिस थाने को कालिंदी हॉस्पिटल के चेयरमैन और ओटी टेक्नीशियन के खिलाफ शिकायत दी है। अवगत कराया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य और राज्य आयुष्मान योजना के तहत कालिंदी अस्पताल ने 171 मरीजों की सर्जरी के भुगतान के लिए क्लेम किया। अस्पताल ने वर्ष 2018 से एनेस्थीसिया के लिए डॉ. जीसी बौंठियाल को दिखाया था, लेकिन एनेस्थेटिक्स डॉ. बौंठियाल ने प्राधिकरण को लिखित शिकायत दी कि उन्होंने कभी भी कालिंदी अस्पताल में मरीजों को एनेस्थीसिया नहीं दी है।
प्राधिकरण को क्लेम के लिए भेजे गए दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि एनेस्थीसिया रिपोर्ट में ओटी टेक्नीशियन और अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। कहा कि नियमों के अनुसार मरीज की सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया में एमडी या पीजी डिप्लोमा करने वाले डॉक्टर ही एनेस्थीसिया के लिए पात्र होते हैं, लेकिन बिना एनेस्थेटिक्स के अस्पताल ने मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है। साथ ही फर्जी मेडिकल दस्तावेज बना कर क्लेम के लिए धोखाधड़ी की है। इससे पहले भी आयुष्मान इलाज में फर्जीवाड़ा करने पर प्राधिकरण ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विकासनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी जांच चल रही है। साथ ही अस्पताल को आयुष्मान योजना से बाहर कर सभी क्लेम का भुगतान रोक दिया था।