जितनी जल्दी टीकाकरण का कार्य सम्पन्न होगा, उतनी ही जल्दी कोविड से निजात पाने में सफलता मिलेगी : जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव
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देहरादून। जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू हो गई इसके लिए विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि कोविड महामारी के प्रसार को फैलने से रोकने के लिए सैम्पलिंग, सर्विलांस, उपचार, टीकाकरण कार्यों में रणनीति बनाकर तेजी लाई जानी आवश्यक है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों एवं समस्त एमओआईसी को समन्वय करते हुए अपने क्षेत्रों में सैम्पलिंग एवं टीकाकरण कार्यों हेतु विभिन्न माध्यम से जनमानस को जागरूक करने को कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि जितनी जल्दी टीकाकरण का कार्य सम्पन्न होगा, उतनी ही जल्दी कोविड से निजात पाने में सफलता मिलेगी। इसलिए टीकाकरण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिया जाए ताकि बरसाती मौसम से पूर्व ही इन क्षेत्रों में टीकाकरण कार्य पूर्ण हो जाय।
उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी एवं समस्त एमओआईसी को टीकाकरण की बेहतर योजना तैयार करने तथा इसके लिए सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों से समन्वय करते हुए टीकाकरण कार्यो में तेजी लाने की बात कही। जनपद में आज लगभग 20166 व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि संक्रमण के प्रसार से निपटने के लिए बेहतर निगरानी एवं अनुकूल व्यवहार की आवश्यकता है इसके लिए सभी उप जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सैम्पलिंग, सर्विलांस कार्यों एवं सार्वजनिक स्थानों बाजारों में मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करवाएं।
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं किन्तु इसमें निश्चिंत होने की आवश्यकता नही हैं बल्कि जिन क्षेत्रों में कोविड संक्रमित व्यक्ति चिन्हित हो रहे हैं ऐसे स्थानों पर प्रभावी सर्विलांस की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने समस्त चिकित्सा अधीक्षक एवं एमओआईसी को दिए गये लक्ष्य के अनुसार सैम्पलिंग करने के निर्देश। उन्होंने कहा कि लक्ष्य से अधिक सैम्पलिगं करने का प्रयास किया जाय तथा यह सुनिश्चित करें कि लक्ष्य से कम सैम्पलिंग ना हो।
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री वातसल्य योजना के क्रियान्वयन के लिए समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रान्तर्गत कोविड संक्रमण के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता, अभिभावकध्संरक्षक की मृत्यु हो गयी है ऐसे बच्चों के चिन्हीकरण करने के लिए हेतु तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करते हुए प्राथमिकता से भौतिक सत्यापन करवाना सुनिश्चित करें।