विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण और सफाई अभियान का आयोजन।
पवित्र चार धाम यात्रा की पवित्रता और पारिस्थितिक संतुलन को संरक्षित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य सरकार ने साल 2024 के लिए बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया है।
यह कदम सरकार की पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा को और बढ़ावा देने के लिए, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड राज्य सरकार ने अपने मौजूदा डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम टेक्नोलॉजी पार्टनर रिसाइकल के साथ मिलकर इन प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान और सफाई अभियान का आयोजन किया।
वृक्षारोपण अभियानों के दौरान 200 पेड़ चारों धामों में लगाए गए। सफाई अभियानों के परिणामस्वरूप काफी मात्रा में कचरा एकत्रित हुआ, जिससे तीर्थ यात्रा मार्गों की स्वच्छता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
हैदराबाद स्थित टेक कंपनी रिसाइकल के सहयोग से, राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे को प्रबंधित करने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (कक्त्ै) साल 2022 में प्रस्तुत किया था। इस प्रणाली के तहत, तीर्थयात्री प्लास्टिक की बोतलें खरीदते हैं और एमआरपी के ऊपर ₹10 का 100 प्रतिशत रिफंडेबल ग्रीन डिपॉजिट शुल्क देते हैं।
यह डिपॉजिट खाली बोतलो को अधिकृत संग्रहण स्थलों पर लौटाने पर न्च्प् द्वारा वापस कर दी जाती हैं जो यात्रा मार्ग पर स्थापित किए गए थे।
इस अभिनव दृष्टिकोण ने यात्रियों के व्यवहार में परिवर्तन लाते हुए न केवल जिम्मेदारी से कचरा फेकने को प्रोत्साहित किया बल्कि एक स्वच्छ तीर्थ यात्रा अनुभव भी सुनिश्चित किया है।
इस साल यात्रा की शुरुआत से लेकर अब तक डिजिटल के जरिये 1.30 लाख से अधिक प्लास्टिक की बोतलों को सफलतापूर्वक बरामद किया और सुरक्षित रूप से रीसाइक्लिंग के लिए भेजा गया हैं।