Mauni Amavasya 2022: Ganga Snan In Haridwar Today – मौनी अमावस्या 2022: हरिद्वार में पावन स्नान आज, सुबह से स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे श्रद्धालु

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संवाद न्यूज एजेंसी, हरिद्वार
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Tue, 01 Feb 2022 12:45 PM IST

सार

इस बार जिला और पुलिस प्रशासन ने हरकी पैड़ी समेत किसी भी गंगा घाट पर स्नान के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है।

हरिद्वार में स्नान
– फोटो : अमर उजाला

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आज एक फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान पर्व है। पावन स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं।

इस बार जिला और पुलिस प्रशासन ने हरकी पैड़ी समेत किसी भी गंगा घाट पर स्नान के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है। सीमा पर नियमित चेकिंग चल रही है। कोरोना टीकाकरण की दोनों डोज का सर्टिफिकेट या 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। इस बार सीमा पर कोई सख्ती भी नहीं बरती गई है। वहीं हरकी पैड़ी क्षेत्र में भी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

सोमवती अमावस्या पर सोमवार को श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
इससे पहले सोमवार को पितृ दोष से मुक्ति और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृ सोमवती अमावस्या पर सोमवार को श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। स्नान कर पित्तरों के निमित्त श्राद्ध कर्म आदि किए। अस्थि प्रवाह घाट और नारायणी शिला मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। पंडितों के अनुसार अमावस्या दो दिनों की होने पर पहले दिन श्राद्ध आदि की अमावस्या मनाई जाती है। अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या होती है।

पितृ अमावस्या पर सोमवार को हरकी पैड़ी समेत अस्थि प्रवाह और अन्य घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। हरकी पैड़ी कुशाघाट और नारायणी शिला में बाहर से आए श्रद्धालुओं ने पित्तरों का पिंडदान कर तर्पण आदि करवाया। पित्तरों के मोक्ष की प्राप्ति की कामना की। विद्वानों का कहना है कि पितृ सोमवती अमावस्या के दिन पित्तरों के निमित्त किए जाने वाले सभी कार्यों से किसी भी प्रकार की पूर्व में हुई त्रुटि का सुधार होता है। पित्तरों का आशीर्वाद भी मिलता है। 

विस्तार

आज एक फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान पर्व है। पावन स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं।

इस बार जिला और पुलिस प्रशासन ने हरकी पैड़ी समेत किसी भी गंगा घाट पर स्नान के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है। सीमा पर नियमित चेकिंग चल रही है। कोरोना टीकाकरण की दोनों डोज का सर्टिफिकेट या 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। इस बार सीमा पर कोई सख्ती भी नहीं बरती गई है। वहीं हरकी पैड़ी क्षेत्र में भी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

सोमवती अमावस्या पर सोमवार को श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

इससे पहले सोमवार को पितृ दोष से मुक्ति और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृ सोमवती अमावस्या पर सोमवार को श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। स्नान कर पित्तरों के निमित्त श्राद्ध कर्म आदि किए। अस्थि प्रवाह घाट और नारायणी शिला मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। पंडितों के अनुसार अमावस्या दो दिनों की होने पर पहले दिन श्राद्ध आदि की अमावस्या मनाई जाती है। अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या होती है।

पितृ अमावस्या पर सोमवार को हरकी पैड़ी समेत अस्थि प्रवाह और अन्य घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। हरकी पैड़ी कुशाघाट और नारायणी शिला में बाहर से आए श्रद्धालुओं ने पित्तरों का पिंडदान कर तर्पण आदि करवाया। पित्तरों के मोक्ष की प्राप्ति की कामना की। विद्वानों का कहना है कि पितृ सोमवती अमावस्या के दिन पित्तरों के निमित्त किए जाने वाले सभी कार्यों से किसी भी प्रकार की पूर्व में हुई त्रुटि का सुधार होता है। पित्तरों का आशीर्वाद भी मिलता है। 

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