उद्योग जगत के पुरोधा रतन टाटा दो दिन पहले नियमित जाँच के लिए अस्पताल पहुँचे थे। कहा था चिंता की कोई बात नहीं मैं स्वस्थ हूँ।
मुंबई। देश के जाने माने उद्योगपति और टाटा संस के आजीवन चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा नहीं रहे। 86 साल की उम्र में 20 सक्रिय शीर्ष उद्योगपति ने बुधवार रात करीब 11:30 बजे मुंबई के बीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली टाटा समूह 2023 24 में 13 लाख 84 हजार करोड रुपए के राजस्व के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योग समूह में से एक है।
दो दिन पहले सोमवार को रक्तचाप कम होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जीवट की धनी टाटा ने तब खुद बयान जारी कहा था मैं नियमित जांच के लिए अस्पताल आया हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। हालांकि बुधवार शाम उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया।
28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह की कमल संभाली और उसे दुनिया के कारोबारी नशे में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। अपने परोपकारी कार्यों के लिए पहचान पहचाने जाने वाले रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से नवाजा गया।
टाटा समूह के अध्यक्ष और चंद्रशेखर ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि करते हुए उन्हें अपना दोस्त मार्गदर्शन और प्रेरक बताया। वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नौशेरवान जी टाटा के बेटे रतनजी टाटा के दत्तक पुत्र नवल टाटा के बेटे। थे रतन टाटा की सनी टाटा जमशेदजी टाटा की भाजी थी। उनके परिवार में भाई जिम वहां सौतेले भाई नोएल टाटा है।
1991 में टाटा स्टील में बतौर मैनेजर काम शुरू करने वाले रतन ने समूह की विख्यात अध्यक्ष जेआरडी टाटा के अवकाश ग्रहण करने के बाद उनके पद संभाला वह 1993 से 2012 तक समूह के अध्यक्ष। रहे इसके बाद साइरस मिस्त्री के अध्यक्ष पद से हटाने के बाद करीब 4 महीने बाद में अंतरिम अध्यक्ष रहे।