पर्यावरण संरक्षण के लिए अनुभवों को साझा करने पर दिया जोर
-एसडीसी फाउंडेशन, वेस्ट वॉरियरर्स, ईको ग्रुप संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने साझा किये अनुभव
एस बी टी न्यूज उत्तराखंड
देहरादून। पर्यावरण बचाने की मुहिम में सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण पहलू है। इस दिशा में सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन पर्यावरण को जीवित रखने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी को भी समझना होगा तभी भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ वातावरण की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। कट्स इंटरनेशनल की पहल पर ग्रीन एक्शन वीक इंडिया-2021 के तहत अभिव्यक्ति सोसाइटी द्वारा आयोजित सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला के दौरान यह बात कट्स इंटरनेशनल सोसाइटी की समन्वयक निमिशा शर्मा ने अपने संबोधन में कही।
कार्यशाला में देहरादून शहर के पर्यावरण को बचाने में लोगों को जागरूक कर रहे एसडीसी फाउंडेशन, वेस्ट वॉरियरर्स, ईको ग्रुप संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। रायपुर विकासखण्ड के सभागार ग्रीन एक्शन वीक इंडिया-2021 कार्यक्रम के अन्तर्गत सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला का आयोजन किया गया। अभिव्यक्ति सोसाइटी की अध्यक्ष दामिनी ममगाईं ने सभी का स्वागत करते हुए ग्रीन एक्शन वीक इंडिया के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
उन्होंने कहा कि सामूदायिक सहभागिता के बिना किसी भी मुहिम के लक्ष्य को पाना असंभव है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति सोसाइटी स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण मुहिम से जोड़ने के अलावा घरों में इस्तेमाल न होने वाले अनावश्यक रूप से रखे सामान जिसमें कपड़े, जूते, किताबों आदि को समाज के जरूरतमंद वर्ग के साथ साझा करने के कार्य में पूरी तरह से प्रयासरत है। वेस्ट वॉरियर संस्था के नवीन सडाना ने कहा कि उनकी संस्था पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ उत्तराखंड पॉल्यूशन बोर्ड के साथ कचरा प्रबंधन के लिए भी कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमें अपने घर के अलावा मोहल्ले और कॉलोनी की सफाई के लिए भी आगे आने होगा तभी हम दून के पर्यावरण को बचाने में सफल हो पायेंगे। कार्यशाला में उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के नीरज कठैत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने की दिशा में सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे नेशनल मिशन फॉर ई गंगा अभियान के बारे में भी विस्तार से बताया।
ईको गु्रप के आशीष गर्ग ने कहा कि पर्यावरण के साथ हो रहे खिलवाड़ से ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि ईको ग्रुप ने प्लास्टिक के कचरे के पुर्न इस्तेमाल के लिए दून की केवल विहार कॉलोनी में ईको ब्रिक बनाने के प्रशिक्षण की शुरूआत की थी, लेकिन अब इस कार्य को दून के स्कूलों और गली मोहल्लों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
नगर निगम देहरादून के प्रतिनिधि के रूप में कार्यशाला में मौजूद पुष्पा रौथान ने कहा कि लोगों को समय रहते अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा, तभी हम सुंदर और स्वच्छ दून के सपने को साकार बना पायेंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा प्रति दिन करीब तीन सौ से साढ़े तीन सौ मैट्रिक टन कचरे का प्रबंधन किया जाता है।
उन्होंने अपील करी कि प्लास्टिक और पॉलीथिन की अनावश्यक जरूरत को हमें अब छोड़ना होगा। एसडीसी फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्यारे लाल ने बताया कि उनकी फाउंडेशन प्लास्टिक एवं पॉलीथिन के निस्तारण के लिए प्रयासरत है। इस दिशामें फाउंडेशन द्वारा दून में 17 प्लास्टिक बैंक स्थापित किये गये हैं।
नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेन्ट्स एंड स्टूडेंट राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बुक बैंक के संस्थापक आरिफ खान ने पर्यावरण के खतरे को कम करने के बारे में अपने विचार रखते हुए बुक बैंक के उद्देश्यों को विस्तार से बताया। सामाजिक सरोकारों से जुड़े डॉ. राकेश डंगवाल ने अभिव्यक्ति सोसाइटी की पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि हम सभी को पृथ्वी के संसाधनों को बचाने के लिए अपनी साझेदारी निभानी होगी, जिसके लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर से छोटे-छोटे प्रयास करने होंगे। कार्यशाला में अभिव्यक्ति सोसाइटी की गीताजंली ढौंढियाल, लक्ष्मी मिश्रा ने भी अपने विचार रखे।