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न्यजू डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Mon, 23 Aug 2021 11:52 PM IST
सार
वसंत विहार इलाके में स्थित नशा मुक्ति केंद्र से ये युवक खिड़की तोड़कर भागे थे। पुलिस में खोजबीन शुरू की, लेकिन इनका कहीं पता नहीं चला था।
देहरादून में नशा मुक्ति केंद्र से भागे 12 युवकों में से 11 अपने घर पहुंच गए हैं। जबकि, 12वां अपने घर नहीं पहुंचा है, लेकिन पुलिस का उससे संपर्क हो गया है। अभी तक किसी ने नशा मुक्ति केंद्र में प्रताड़ना या मारपीट जैसी किसी बात को नहीं बताया है।
वसंत विहार इलाके में स्थित नशा मुक्ति केंद्र से ये युवक खिड़की तोड़कर भागे थे। पुलिस में खोजबीन शुरू की, लेकिन इनका कहीं पता नहीं चला। इस बीच सोमवार को खबर आई कि 11 युवक अपने घर पहुंच गए हैं। इंस्पेक्टर वसंत विहार देवेंद्र चौहान ने बताया कि 12वें युवक से भी बात हो गयी हैं। वह भी अपने घर जा रहा है।
बता दें कि एक माह के भीतर यह तीसरा मामला है, जब नशा मुक्ति केंद्र में रहने वाले युवक और युवतियां भागे हैं। इससे पहले क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से आठ युवक भागे थे। जिन्होंने घर पहुंचकर बताया था कि उनके साथ वहां मारपीट होती थी। इसके बाद तीन युवतियां एक अन्य नशा मुक्ति केंद्र से भागी तो उनमें से एक ने संचालक पर दुष्कर्म और छेड़खानी का आरोप लगाया था। इसमें संचालक और उसकी साथी इस वक्त जेल में बंद हैं।
युवाओं के कौशल के सहयोग से समाज कल्याण विभाग ने समाज को जागरूक करने की पहल की है। विभाग के अनुसार नशा मुक्त भारत जैसे महत्वपूर्ण अभियान की सफलता के लिए युवाओं का सहयोग मील का पत्थर साबित होगा।
समाज में खासतौर पर युवाओं में बढ़ती नशे की लत के खिलाफ चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान में समाज कल्याण विभाग युवाओं का ही सहयोग ले रहा है। विभाग की ओर से शहर के साथ ही कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसी कड़ी में अब विभाग की ओर से ऐसे युवाओं को एकजुट किया जा रहा है, जो अपने अलग-अलग कौशल के माध्यम से सामाजिक जागरूकता का काम कर रहे हैं।
इनमें लाटी आर्ट बनाने वाली कंचन, युवा कवि आयुष व खुशूब और बसंत शर्मा शामिल है। हाल में कंचन अपनी लाटी आर्ट के जरिए चर्चाओं में आई थीं। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने भी नशा मुक्त भारत अभियान के लिए कंचन का सहयोग मांगा।
युवा कवि आयुष व खुशबू विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में अपनी कविताओं के जरिए अभियान को सफल बनाने में सहयोग कर रहे है। जबकि, चकराता के अटाल गांव में युवा बसंत शर्मा ‘पढ़ेंगे हम बढ़ेंगे हम’ कार्यक्रम के जरिए युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
युवाओं की मदद से जागरूकता अभियान को और मजबूती मिलेगी। इसलिए अलग-अलग कौशल के युवाओं का सहयोग लेकर नशा मुक्त जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं की मदद से इस अभियान के जरिए बड़ा बदलाव लाया जा सके। लगातार सभी के प्रयास से सफलता मिलेगी।
– हेमलता पांडे, समाज कल्याण अधिकारी
विस्तार
देहरादून में नशा मुक्ति केंद्र से भागे 12 युवकों में से 11 अपने घर पहुंच गए हैं। जबकि, 12वां अपने घर नहीं पहुंचा है, लेकिन पुलिस का उससे संपर्क हो गया है। अभी तक किसी ने नशा मुक्ति केंद्र में प्रताड़ना या मारपीट जैसी किसी बात को नहीं बताया है।
वसंत विहार इलाके में स्थित नशा मुक्ति केंद्र से ये युवक खिड़की तोड़कर भागे थे। पुलिस में खोजबीन शुरू की, लेकिन इनका कहीं पता नहीं चला। इस बीच सोमवार को खबर आई कि 11 युवक अपने घर पहुंच गए हैं। इंस्पेक्टर वसंत विहार देवेंद्र चौहान ने बताया कि 12वें युवक से भी बात हो गयी हैं। वह भी अपने घर जा रहा है।
बता दें कि एक माह के भीतर यह तीसरा मामला है, जब नशा मुक्ति केंद्र में रहने वाले युवक और युवतियां भागे हैं। इससे पहले क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से आठ युवक भागे थे। जिन्होंने घर पहुंचकर बताया था कि उनके साथ वहां मारपीट होती थी। इसके बाद तीन युवतियां एक अन्य नशा मुक्ति केंद्र से भागी तो उनमें से एक ने संचालक पर दुष्कर्म और छेड़खानी का आरोप लगाया था। इसमें संचालक और उसकी साथी इस वक्त जेल में बंद हैं।
समाज कल्याण विभाग नशा मुक्ति के अभियान में युवाओं का ले रहा सहयोग
युवाओं के कौशल के सहयोग से समाज कल्याण विभाग ने समाज को जागरूक करने की पहल की है। विभाग के अनुसार नशा मुक्त भारत जैसे महत्वपूर्ण अभियान की सफलता के लिए युवाओं का सहयोग मील का पत्थर साबित होगा।
समाज में खासतौर पर युवाओं में बढ़ती नशे की लत के खिलाफ चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान में समाज कल्याण विभाग युवाओं का ही सहयोग ले रहा है। विभाग की ओर से शहर के साथ ही कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसी कड़ी में अब विभाग की ओर से ऐसे युवाओं को एकजुट किया जा रहा है, जो अपने अलग-अलग कौशल के माध्यम से सामाजिक जागरूकता का काम कर रहे हैं।
इनमें लाटी आर्ट बनाने वाली कंचन, युवा कवि आयुष व खुशूब और बसंत शर्मा शामिल है। हाल में कंचन अपनी लाटी आर्ट के जरिए चर्चाओं में आई थीं। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने भी नशा मुक्त भारत अभियान के लिए कंचन का सहयोग मांगा।
युवा कवि आयुष व खुशबू विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में अपनी कविताओं के जरिए अभियान को सफल बनाने में सहयोग कर रहे है। जबकि, चकराता के अटाल गांव में युवा बसंत शर्मा ‘पढ़ेंगे हम बढ़ेंगे हम’ कार्यक्रम के जरिए युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
युवाओं की मदद से जागरूकता अभियान को और मजबूती मिलेगी। इसलिए अलग-अलग कौशल के युवाओं का सहयोग लेकर नशा मुक्त जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं की मदद से इस अभियान के जरिए बड़ा बदलाव लाया जा सके। लगातार सभी के प्रयास से सफलता मिलेगी।
– हेमलता पांडे, समाज कल्याण अधिकारी
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