देहरादून। करियर बडी क्लब ने आज गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल के सहयोग से करियर टाउन कार्यक्रम के दूसरे संस्करण की मेजबानी करी। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को व्यापक करियर मार्गदर्शन के साथ सशक्त बनाना और उन्हें विविध करियर पथ तलाशने के लिए प्रेरित करना रहा।
कार्यक्रम के दौरान हार्वर्ड प्रशिक्षक तनवीर शाह, आईआईएम अहमदाबाद की एलुमनाई निलांशा चतुर्वेदी, मालदेवता फार्म के एमडी अमित मिनोचा, बियॉन्ड द वॉल्स के सह-संस्थापक हिमांशु थापा, दंत चिकित्सक व गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल के एलुमनाई डॉ. सूरज, प्लान योर मेमोरीज की संस्थापक अनुकृति बत्रा, आईआईटी रूड़की के प्रोफेसर तरुण शर्मा और करियर बडी क्लब के संस्थापक व हार्वर्ड के पूर्व छात्र सैथजीत सिंह अरोड़ा इस मौके पर मौजूद रहे।
इस अवसर पर करियर बडी क्लब के संस्थापक सैथजीत सिंह अरोड़ा ने अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, ष्कैरियर बडी क्लब 4सी – करियर, कोर्स, कॉलेज और कंपनी-पर छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है। 93 प्रतिशत छात्र केवल सात कैरियर पथों की एक संकीर्ण समझ तक सीमित रह जाते हैं और अक्सर गलत कैरियर विकल्प चुन लेते हैं, और ऐसे में कैरियर बडी क्लब का उद्देश्य छात्रों को विविध कैरियर संभावनाओं से परिचित कराना है।
ज्ञानवर्धक सत्रों के साथ-साथ, विभिन्न इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं और कैरियर मार्गदर्शन गतिविधियों का आयोजन भी किया गया, जिनका उद्देश्य छात्रों को उचित कैरियर निर्णय लेने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाना था। महकप्रीत, श्रेया, रूहानी और पुष्कर को स्टार्ट-अप पिच के विजेता के रूप में घोषित किया गया, जबकि आराध्या, आदित्य, नेहा और गुरलीन को वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजेता घोषित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान, वक्ताओं द्वारा करियर विकल्पों पर बहुमूल्य जानकारियां साझा की गईं। तनवीर शाह ने आज की गतिशील दुनिया में सफलता प्राप्त करने में अनुकूलनशीलता और निरंतर सीखने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। नीलांशा चतुर्वेदी ने छात्रों को अपने जुनून को आगे बढ़ाने के साथ-साथ अपने चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रासंगिक कौशल और ज्ञान हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। अमित मिनोचा ने रिस्क लेने और नवाचार करने के इच्छुक लोगों के लिए उद्यमिता द्वारा प्रदान किए जाने वाले अपार अवसरों पर प्रकाश डाला।
डॉ. सूरज ने छात्रों को सलाह दी कि हेल्थकेयर पेशे न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद होते हैं, बल्कि समुदाय की सेवा करने में भी गहन संतुष्टि प्रदान करते हैं। अनुकृति बत्रा ने छात्रों को बताया कि रचनात्मकता और उद्यमिता साथ-साथ चलते हैं, और उनसे आग्रह किया कि वे दायरे से बाहर सोचने से न डरें।
प्रोफेसर तरुण शर्मा ने बताया कि इंजीनियरिंग केवल समस्याओं को हल करने के बारे में नहीं है बल्कि ऐसे समाधान बनाने के बारे में भी है जो समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। हिमांशु थापा ने इस बात पर अंतर्दृष्टि साझा की कि कैसे सामाजिक उद्यमिता लोगों को व्यावसायिक कौशल के साथ परिवर्तन के लिए अपने जुनून को संयोजित करने और सार्थक प्रभाव को बढ़ावा देने में मदद करती है।