एसिड हमले हिंसा का सर्वाधिक घातक स्वरूप है और यह ज्यादातर महिलाओं के उपर होते है
एसिड हमला करने वाले को कम से कम 10 साल के लिए दण्डित करने का प्रावधान है
S B T NEWS
नैनीताल। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा नालसा (एसिड हमलों के पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2016 के सम्बन्ध में योजना के स्टेकहोल्डर के साथ वेबीनार आयोजित किया गया। सिविल जज (सी0डि0) सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इमरान मौ0 खान द्वारा योजना के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया गया कि एसिड हमले हिंसा का सर्वाधिक घातक स्वरूप है और यह ज्यादातर महिलाओं के उपर होते है। हमले प्रायः विवाह के प्रस्ताव अथवा यौन प्रस्तावों को इन्कार करने के परिणाम स्वरूप होते है।
हमला करने वाला यह जानता है कि महिला के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को चेहरा खराब होने से बहुत आघात पहुचेगा। ऐसे हमला न केवल एक अपराध है अपितु ये पीड़ित के लिए मनोवैज्ञानिक क्षति का कारण बन जाता है। एसिड़ हमलों के रोकथाम के लिए भा0दं0सं0 में वर्ष 2013 में संशोधन कर धारा 326 ए और धारा 326 बी जोड़ी गयी। धारा 326 ए के अन्तर्गत एसिड हमला करने वाले को कम से कम 10 साल के लिए दण्डित करने का प्रावधान है तथा एसिड हमले का प्रयास करने वाले को धारा 326 बी के अन्तर्गत कम से कम 5 साल की सजा से दण्डित करने का प्रावधान है।
धारा 357 सी दं0प्र0सं0 यह प्रावधान करता है कि सभी प्राइवेट व सरकारी अस्पताल एसिड हमले से पीड़ित का इलाज करने से इन्कार नही कर सकते तथा एसिड हमले की पीड़ित को जिस अस्पताल में सबसे पहले उपचार किया गया है वे एक प्रमाण पत्र देगा जिसका उपयोग पीड़ित द्वारा योजनाओं का लाभ लेने के लिए किया जा सकता है।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लक्ष्मी बनाम् भारत संघ में एसिड की ओवर द काउन्टर बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। विक्रेता एसिड की विक्री दर्ज करने वाला एक लेखा-जोखा रजिस्टर रखेगा जिसमें उन व्यक्तियों का व्योरा जिन्हे एसिड बेचा गया हो और बेचे गये एसिड की मात्रा दर्ज होगी। एसिड केवल तभी बेचा जायेगा जब क्रेता ने सरकार द्वारा जारी कोई फोटो पहचान पत्र दिखाया हो जिसमें उस व्यक्ति का पता भी लिखा हो और उसने खरीदने का प्रयोजन बताया हो।
18 वर्ष कम आयु के किसी भी व्यक्ति को एसिड नही बेचा जायेगा। वेबिनार में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री तरूण टम्टा द्वारा एसिड हमले की पीड़ित के उपचार के लिए विस्तार से बताया गया। उनके द्वारा बताया गया कि एसिड हमले के पीड़ित के लिए जनपद के सरकारी अस्पतालों में 24 घंटे उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
कार्यक्रम में उपस्थित श्री विजय थापा सी.ओ. सिटी नैनीताल द्वारा बताया गया कि जनपद के समस्त थाना अध्यक्ष एसिड हमले के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज होने के सम्बन्ध में अविलम्ब कार्यवाही करते है तथा पीड़ित को उपचार उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल में भर्ती कराते है। कार्यक्रम मंे पी0एल0वी0 एवं पैनल अधिवक्ता द्वारा प्रतिभाग किया गया।