पत्नी के शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में डालने वाले आरोपी को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं 

 

देहरादून का चर्चित अनुपमा हत्याकांड

अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तिथि तय 

S B T NEWS
नैनीताल। हाईकोर्ट नैनीताल ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में राजेश गुलाटी की तरफ से दायर अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने फिलहाल आरोपी को कोई राहत नहीं दी है। अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तिथि तय की है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खण्डपीठ में सुनवाई हुई। राजेश गुलाटी पर पत्नी अनुपमा गुलाटी की 17 अक्तूबर 2010 को निर्मम हत्या का आरोप है। आरोप है कि उसने शव छुपाने के लिए शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में डाल दिया था। 12 दिसम्बर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो उसकी रिपार्ट के बाद हुई पड़ताल में हत्या का खुलासा हुआ।

देहरादून कोर्ट की निचली अदालत ने 1 सितम्बर 2017 को राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई। इसमें 15 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया गया। इस धनराशि में 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने और शेष अनुपमा के बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए थे।

कोर्ट ने घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना। राजेश गुलाटी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वर्ष 1999 में उसने लव मैरिज की थी। राजेश गुलाटी ने निचली अदालत के इस आदेश को हाईकोर्ट में 2017 में चुनौती दी थी। मंगलवार को उसकी ओर से बीमारी के इलाज के लिए अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया।

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