प्रदेश भर के नर्सिंग अधिकारीयों ने काली फीती पहनकर अपनी  मांगों के निवारण के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया

उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन (UNSA) प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देशानुसार समूचे प्रदेश भर के नर्सिंग अधिकारीयों ने आज काली फीती पहनकर अपनी मांगों और समस्याओं के निवारण के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा लंबे समय से अनदेखी की जा रही समस्याओं और मांगों के प्रति ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया।

नर्सिंग अधिकारी , जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की रीढ़ माने जाते हैं, पिछले कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। हालाँकि, बार-बार अनुरोधों के बावजूद, सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन प्रदेश कार्यकारिणी उत्तराखंड का 23 सूत्रीय मांग पत्र।

1-उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक एवं अपर निदेशक(नर्सिंग)के पद पर प्रोन्नति।2- सहायक नर्सिंग अधिक्षिका के पद पर प्रोन्नति।3-वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद पर प्रोन्नति। 4- नर्सिंग संवर्ग के कार्मिकों को व्यवसायिक शैक्षिक योग्यता एवं कार्य दायित्वों को देखते हुए नर्सिंग अधिकारी को प्राथमिक ग्रेड पे 5400₹ किया जाय। नर्सिंग अधिकारीयों को प्रथम नियुक्ति पर 4600₹ का ग्रेड वेतन अनुमन्य है!नर्सिंग अधिकारीयों को दो वर्ष क़ि सेवा पूर्ण करने के उपरांत ग्रेड वेतन 4800₹ किया जाना तथा प्रथम पदोन्नति पर 5400 ₹ ग्रेड पे अनुमन्य किया जाय।

5-नर्सिंग संवर्ग के कार्मिकों को शासनादेश संख्या 1331 दिनांक 10 मई 2011 के द्वारा ग्रेड वेतन 4600₹ मूल वेतनमान 13860₹ अनुमन्य किया गया है! वर्तमान में सेवानिवृत होने वाले नर्सिंग अधिकारीयों का वेतन त्रुटिपूर्ण होने के कारण वसूली क़ि जा रही है, जिसको तुरंत रोक लगनी चाहिए। 6- IPHS मानकों के आधार पर नर्सिंग संवर्ग में पदोन्नति के पद वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी एवं सहायक नर्सिंग अधीक्षक के पद बढ़ाये जाएं।

7- नर्सिंग संवर्ग को केंद्र की भांति नर्सिंग भत्ता 7200₹ प्रतिमाह एवं वर्दी भत्ता 1800₹ प्रतिमाह दिया जाय! विगत कई वर्षों सी नर्सिंग भत्तों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, वर्तमान में राज्य में नर्सिंग भत्ता 1950₹ प्रतिमाह एवं वर्दी भत्ता 500₹ प्रतिमाह देय है!जिसे केंद्र के समान बढाकर दिया जाय। 8- केंद्र सरकार क़ि भांति नर्सिंग कर्मियों को 99 डे ऑफ देने का शासनादेश जारी किया जाय, क्यूंकि नर्सिंग कर्मी 24*7 प्रत्येक GH,RH एवं रविवार इत्यादि दिनों में कार्य करते हैं।

9- नर्सिंग अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी हेतु नर्सिंग अधिकारियों में रोष उत्पन्न!नर्सिंग अधिकारीयों की वरिष्ठता की गणना उनकी नियुक्ति तिथि से किया जाय।  10-नर्सिंग संवर्ग को चिकित्सा संवर्ग की भांति पूर्ण वेतन पर उच्च शिक्षा जैसे पोस्ट बेसिक बी एस सी नर्सिंग एवं एम एस सी नर्सिंग किया जाय। 11- नर्सिंग संवर्ग के परिवर्तित पदनाम जैसे स्टाफ नर्स -नर्सिंग अधिकारी, सिस्टर – वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी शासनादेश दिनांक 23 मार्च 2021 के अनुसार नर्सिंग सेवा नियमावली में संसोधन किया जाय।

12-परिवीक्षा अवधि वाले नर्सिंग अधिकारीयों को स्थानांतरण एक्ट के अंतर्गत पारस्परिक स्थानांतरण। 13- 1 अक्टूबर 2005 से नई पेंशन योजना की जगह पूर्व की भांति पुरानी पेंशन बहाल की जाय। 14-नर्सिंग कार्मिकों को जोखिम भत्ता, रात्रि ड्यूटी भत्ता एवं पुलिस संवर्ग की भांति एक माह का अतिरिक्त वेतन अनुमन्य किया जाय। 15- कोरोना काल में कार्यरत नर्सिंग अधिकारियों को अन्य संवर्गों की भांति 10000 ₹ प्रोत्साहन धनराशि स्वीकृत की जाय।

16- नर्सिंग कार्मिकों की आपातकालीन ड्यूटी को देखते हुए नर्सिंग आवास में रहने वाले कार्मिकों का मकान किराया वसूली (HRR) कटौती रोक दी जाय!

17-कोविड काल के अंतर्गत समस्त नर्सिंग कार्मिकों को रुका हुआ 18 माह का डीए अनुमन्य किया जाय! 18-ए सी पी का लाभ 10,20,30 की जगह पूर्व की भांति 10,16,26 किया जाए।19- नर्सिंग कार्मिकों का अनिवार्य रूप से वार्षिक पदोन्नति। 20- नर्सिंग कार्मिकों की सेवानिवृति आयु 65 वर्ष किया जाय। 21- नर्सिंग संवर्ग के पदोन्नति के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र जैसे वार्षिक गोपनीय आख्या,विभागीय /सतर्कता/अनुशाशनिक/अभियोजन आदि प्रमाण पत्र महानिदेशालय में ईमेल के माध्यम से आने वाले प्रविष्टि मान्य हों ताकि पदोन्नति में विलम्ब न हो। 22- चिकित्सा चयन बोर्ड द्वारा मेडिकल कॉलेज में जल्द से जल्द नर्सिंग अधिकारियों कि नियुक्ति।

23- प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 पद एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 पद वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पदों के सृजन हेतु मांग।

प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती भारती जुयाल ने कहा आज से 3000 से ज्यादा नर्सिंग अधिकारीयों ने भाग लिया और सरकार से जल्द ही इन मुद्दों का समाधान करने की अपील की। महामंत्री श्रीमती एलवीना मैथ्यु का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

प्रदर्शन में भाग लेने वाले नर्सिंग अधिकारीयों ने काली फीती पहनकर यह संदेश दिया कि वे अपने कार्य के प्रति समर्पित हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी से आहत हैं। काली फीती, उनके गहरे असंतोष और उनकी समस्याओं के निवारण की तात्कालिकता को दर्शाने का प्रतीक है।

प्रदेश प्रभारी गिरीश उनियाल ने कहा, हमारी मांगे न्यायसंगत और जरूरी हैं। हम अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से लड़ रहे हैं। हमारी उम्मीद है कि सरकार हमारी बात सुनेगी और हमारी समस्याओं का समाधान करेगी। उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन उम्मीद करती है कि सरकार जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी, ताकि नर्सिंग अधिकारी को हक मिल सके और वे समाज की बेहतर सेवा कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *