UTTARAKHAND:
आज शुक्रवार को 73 वर्ष की उम्र में भाजपा के वरिष्ठ पूर्व नेता श्री गीताराम सेमवाल का का निधन हो गया। इस खबर से सम्पूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। श्री गीताराम सेमवाल का ग्राम पुजारगाव धनारी के निवासी थे, इस घटना ने उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों को गहरे दुख में डाल दिया है। वह भाजपा के प्रतिष्ठित और समर्पित नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पार्टी के सिद्धांतों और आदर्शों का पालन किया और समाज की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया।
श्री सेमवाल ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और जनता की भलाई के लिए हमेशा सक्रिय रहे। इनका जन्म 1951 में हुआ! श्री गीताराम सेमवाल ज़ी तीन बार पुजारगाव, दड़माली- हीटाणू के ग्राम प्रधान रहे व दो बार पुजारगाँव जिला पंचायत क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य एवं धनारी किसान विकास कल्याण समिति के अध्यक्ष भी रहे! श्री सेमवाल ज़ी की राजनीतिक यात्रा की शुरुवात कांग्रेस पार्टी से हुई एवं सन 2002 में पूर्व विधायक गंगोत्री क्षेत्र स्व. गोपाल सिंह रावत के साथ भारतीय जनता पार्टी में अब तक कद्दावर के रूप में पहचान बनायी!
उनके नेतृत्व में, भाजपा ने क्षेत्र में मजबूती प्राप्त की और संगठनात्मक दृष्टि से उन्नति की। उनके राजनीतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि वह हमेशा से जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले नेता थे। उन्होंने अपनी निष्ठा और ईमानदारी के बल पर लोगों का विश्वास अर्जित किया और राजनीति में एक अलग पहचान बनाई।
गांव एवं क्षेत्र के विकास और समाजसेवा में श्री सेमवाल की भूमिका अमूल्य रही है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी कई प्रयास किए, जिनका लाभ क्षेत्र की जनता को मिला। उनकी सरलता, मृदुभाषी स्वभाव और सबके साथ समानता का व्यवहार उन्हें जनता के बीच अत्यधिक प्रिय बनाता था। क्षेत्र के लोग उन्हें सिर्फ एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में भी देखते थे।
उनके आकस्मिक निधन की खबर से स्थानीय और राज्य स्तर के भाजपा नेता, कार्यकर्ता, और समर्थक गहरे शोक में हैं। सभी ने उनके योगदान को सराहा और उन्हें एक महान नेता और समाजसेवी के रूप में याद किया। भाजपा की विभिन्न शाखाओं और कार्यकर्ताओं ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं कीं और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
श्री सेमवाल का निधन क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे भर पाना कठिन होगा। उनके नेतृत्व में जो कार्य हुए, वे उनकी विरासत के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे। उनके असामयिक निधन से एक राजनीतिक शून्य उत्पन्न हुआ है, जिसे भरना मुश्किल होगा, लेकिन उनके आदर्श और उनकी शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
सम्पूर्ण क्षेत्र में उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई है, और लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर एकत्र हो रहे हैं। उनकी यादों और उनके कार्यों के प्रति आदर व्यक्त करते हुए, सभी ने एक स्वर में कहा कि वह हमेशा अपने कार्यों के लिए स्मरणीय रहेंगे।