देहरादून। मान्यता अनुसार जब भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। गंगा स्नान करने के बाद तिल, खिचड़ी, गर्म कंबल आदि का दान किया जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए देव डोलियों के साथ श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
स्नान करने के लिए यूपी, पंजाब, दिल्ली सहित कई राज्यों से श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचे। सुबह सात बजे से ही हरकी पैड़ी पर स्नान का क्रम शुरू हो गया था। लेकिन गंगा घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम दिखाई दी।
उधर कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी पड़ी और हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा भागीरथी में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। दर्जनों देव डोलियों की मौजूदगी में ढोल-नगाड़ों की आवाज और मां गंगा के जयकारों से पूरी काशी नगरी गुंजायमान हो रही है।
उत्तरकाशी जिले के रवांई क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे से लगे पौराणिक स्थल गंगा यमुना और केदार गंगा के संगम तट गंगनानी कुंड में भी सुबह से दूर दराज पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा डुबकी लगाई जा रही है।