समाचार सार
मैंने एक ऐसी मां की कोख से जन्म लिया है जो स्वयं में एक पावन पुनीत प्रेरक ग्रन्थ है।
समाचार विस्तार
जागृति वशिष्ठ की कलम से✍️
जीवन की ढलती शाम , सत्तर साल की वृद्धा कहूं या सत्तर साल की युवा। घर में नौकर चाकर, बहू बेटे , पोती पोता सब है, पर आज भी भोर वेला में उठना, स्नान आदि नित्य कर्म उपरांत, भजन पूजन कर, उन्हें बेहद पसंद हैं परिवार के लिए भोजन अपने हाथो से बनाना। विद्यार्थी जीवन में होमसाइंस उनका पसंदीदा सब्जेक्ट हुआ करती थी। सीलाई कड़ाई में डिप्लोमा होल्डर। कभी युवावस्था में, उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में जन्मी और पंजाब के संगरूर में शादी के बाद,पटियाला में खुदका स्कूल खोल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली इन शक्ति स्वरूपा का जीवन संघर्षों की वो कहानी है जो स्वयं में एक प्रेरणा है कि एक महिला साहस, सहनशक्ति व अनगिनत खूबियों से लबरेज संसार में ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है। कम उम्र में विवाह होने पर भी अपनी शिक्षा व हुनर को आयाम ही नहीं दिए ,अपितु अपनी ज्ञान गंगा को एक आदर्श शिक्षिका बन न जाने कितनी शिष्याओ को आत्मनिर्भर बनाया। नो बार ऑबोर्शन , आर्थिक व मानसिक चुनौतियां, संयुक्त परिवार के तानेबाने, न जाने कितने तूफ़ानों से गुज़र कर भी कुछ नहीं बदला तो वो था इनका आत्मविश्वास, जनसेवा का निस्वार्थ जजबा, व अनुशासित परंतु हसमुख स्वभाव। 2017 में ब्रेन हैमरेज से अपने जीवनसाथी को खोने के बाद , लगने लगा था कि शायद पुनः नहीं देख पाएंगे ये जिंदादिली इनमें,परंतु खुदको समाजसेवा में संलग्न कर, अपने मनुष्य जीवन को सार्थक कर न केवल बनी है ये परिवार के लिए एक आदर्श व प्रेरणा अपितु मै गौरवान्वित हूं कि मैंने एक ऐसी मां की कोख से जन्म लिया है जो स्वयं में एक पावन पुनीत प्रेरक ग्रन्थ है। कोमल है कमज़ोर नहीं शक्ति है कल्याणी है ये मेरी मां है ये प्रेरणा मेरी, ये मेरी प्रथम गुरु, वरदानी है।