देहरादून। जीएसटी फर्जीवाड़े में आठ कंपनियों के नाम सामने आए हैं। केंद्रीय जीएसटी की टीम की जांच में यह खुलासा हुआ है। एक कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में पाया गया कि टैक्स से बचने और बिना माल के इनवॉइस बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों पर कंपनियों का पंजीकरण किया गया था।
केंद्रीय जीएसटी उत्तराखंड के आयुक्त दीपांकर ऐरन ने बताया कि जीएसटी चोरी पर विभागीय टीम ने मैसर्स ठाकुर ट्रेडर्स देहरादून के खिलाफ कार्रवाई की है। जांच में पता चला कि इस फर्म ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी पंजीकरण किया। उसने देशभर में विभिन्न कंपनियों को बिना माल बेचे 135 करोड़ रुपये के बिल बनाए। इसके जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेकर 20 करोड़ से अधिक राशि की चपत लगा दी। विभागीय टीम जब इन कंपनियों के ठिकानों पर तलाशी के लिए गई तो पता चला कि वहां कोई कंपनी ही नहीं है। आईटीसी का लाभ लेने के मकसद से फर्जी कंपनियां बनाई गईं थीं। केंद्रीय जीएसटी टीम ने फर्जीवाड़े में मैमर्स ए एंड ए ट्रेडिंग कंपनी के मालिक इशरत अली अंसारी को गिरफ्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।