चंपावत। जिले में लंपी वायरस का प्रकोप कम नहीं हुआ है। ग्रामीण इलाकों में अभी भी सैकड़ों पशु वायरस की चपेट में हैं और कई अपनी जान गवां चुके हैं। पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में लंपी वायरस से 127 पशुओं की मौत हुई है। हालांकि पशुओं की मृत्यु का आंकड़ा इससे कहीं अधिक माना जा रहा है।
प्रभारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. डीके चंद ने बताया कि विभाग द्वारा वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। लंपी वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन अभी भी कई पशु बीमार हैं। टीकाकरण के बाद स्वस्थ्य पशुओं में इस बीमारी का संक्रमण काफी कम हुआ है। उन्होंने बताया कि लंपी वायरस से जिले में अभी तक 127 पशुओं की मृत्यु हुई है।
उन्होंने बताया कि पशुओं की मृत्यु का यह अंतिम आंकड़ा नहीं है। मौत के आंकड़े अभी जुटाए जा रहे हैं। इधर माना यह जा रहा है कि पशुपालन विभाग के आंकड़ों से कहीं अधिक पशुओं की मृत्यु हुई है। यहां यह बात गौर करने वाली है कि पशुपालन विभाग उन्हीं आंकड़ों को प्रदर्शित कर रहा है जिसकी सूचना पशुपालकों द्वारा विभाग में दर्ज कराई गई है।
जबकि वायरस से मर चुके पशुओं की संख्या कहीं ज्यादा है। अधिकांश पशुपालकों ने मवेशियों के वायरस से मरने की सूचना विभाग में दर्ज नहीं कराई है। माना जा रहा है कि जिले में लंपी वायरस से अब तक 350 से अधिक पशुओं की मृत्यु हुई है। पीड़ित पशुपालकों ने सरकार और विभाग से उन्हें हुए आर्थिक नुकसान का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।